राजा मांधाता का जन्म और उनका दिव्य वरदान
हिन्दू धर्मग्रंथों में राजा मांधाता का नाम एक महान चक्रवर्ती सम्राट के रूप में लिया जाता है। उनका जन्म एक अनोखी घटना के रूप में हुआ था, जो पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। राजा मांधाता इक्ष्वाकु वंश के राजा युवनाश्व के पुत्र थे, और उनके जन्म से जुड़ी कथा अत्यंत रोचक है।
राजा युवनाश्व की संतान प्राप्ति की इच्छा
राजा युवनाश्व एक धर्मपरायण राजा थे, लेकिन संतानहीन होने के कारण वे अत्यंत दुखी रहते थे। उन्होंने विभिन्न ऋषियों और मुनियों से संतान प्राप्ति के उपाय पूछे। अंततः वे अपने कुलगुरु के निर्देश पर गहन तपस्या करने लगे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ऋषियों ने एक विशेष यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें एक दिव्य जल पात्र तैयार किया गया। यह जल किसी स्त्री द्वारा पीया जाना था, जिससे संतान की प्राप्ति हो सके।
राजा युवनाश्व द्वारा जल का पान
एक रात राजा युवनाश्व को अत्यधिक प्यास लगी। अनजाने में उन्होंने वही जल पी लिया, जो उनकी रानी के लिए रखा गया था। इसके परिणामस्वरूप उनके उदर (पेट) से एक दिव्य बालक का जन्म हुआ। यह देख सभी ऋषि अचंभित हो गए और चिंतित हुए कि यह बालक माता के दूध के बिना कैसे जीवित रहेगा। तभी स्वर्ग के देवता इंद्र ने घोषणा की, “मैं इसका पालन-पोषण करूंगा।”
देवताओं का आशीर्वाद और नामकरण
भगवान इंद्र ने अपने अंगूठे से बालक को दूध पिलाया, जिससे वह बढ़ने लगा। इस अद्भुत घटना के कारण ही उसका नाम मांधाता रखा गया, जिसका अर्थ है “जिसे स्वयं भगवान ने दिया हो।” यह दिव्य बालक बचपन से ही असाधारण तेजस्विता और शक्ति से युक्त था।
राजा मांधाता का दिव्य वरदान
राजा मांधाता को भगवान विष्णु और भगवान शिव से विशेष वरदान प्राप्त थे। उन्होंने अपनी तपस्या और कर्तव्यनिष्ठा से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया और आगे चलकर एक महान चक्रवर्ती सम्राट बने। उनके पराक्रम की कहानियां पुराणों और महाभारत में वर्णित हैं।
निष्कर्ष
राजा मांधाता का जन्म एक चमत्कारी घटना थी, जो यह दर्शाती है कि सत्यनिष्ठा और भक्ति से असंभव भी संभव हो सकता है। उनकी कथा हमें धर्म, निष्ठा और परोपकार का संदेश देती है।
FAQs
1. राजा मांधाता कौन थे?
राजा मांधाता इक्ष्वाकु वंश के एक प्रसिद्ध चक्रवर्ती सम्राट थे, जिनका जन्म राजा युवनाश्व के उदर से हुआ था।
2. राजा मांधाता का जन्म कैसे हुआ?
राजा युवनाश्व ने गलती से एक यज्ञ का जल पी लिया, जिससे उनके उदर से मांधाता का जन्म हुआ।
3. राजा मांधाता को कौन सा दिव्य वरदान मिला था?
उन्हें भगवान विष्णु और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त था, जिससे वे महान सम्राट बने।
4. राजा मांधाता का नाम किसने रखा?
स्वर्ग के राजा इंद्र ने उनका पालन-पोषण किया और उन्हें “मांधाता” नाम दिया।
5. राजा मांधाता की कथा हमें क्या सिखाती है?
यह कथा सिखाती है कि सच्ची भक्ति और कर्तव्यपालन से व्यक्ति महान बन सकता है।



