परिचय
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। नर्मदा नदी के पवित्र तट पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग की आरती अत्यंत शुभ मानी जाती है। प्रतिदिन यहाँ भव्य आरती का आयोजन होता है, जिसमें भाग लेने से भक्तों को शिव कृपा प्राप्त होती है। इस लेख में हम ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरती, उसके महत्व और समय-सारणी के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरती का समय
ओंकारेश्वर मंदिर में प्रतिदिन तीन मुख्य आरतियाँ की जाती हैं:
- मंगला आरती – प्रातः 5:00 बजे (सुबह की आरती)
- मध्याह्न आरती – दोपहर 12:00 बजे (दोपहर की आरती)
- संध्या आरती – सायं 8:00 बजे (शाम की आरती)
इन आरतियों में शामिल होने से भक्तों को विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है। कहा जाता है कि भगवान शिव की आरती देखने और सुनने से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
ओंकारेश्वर की प्रसिद्ध आरती
ओंकारेश्वर में भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने के लिए प्रसिद्ध शिव आरती का गान किया जाता है। यह आरती भक्तों को भक्ति भाव से भर देती है और उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक मानी जाती है।
ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा,
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा...
इस आरती में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन किया गया है। आरती के समय मंदिर में भक्तगण दीप जलाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।
ओंकारेश्वर में आरती का महत्व
- आध्यात्मिक ऊर्जा: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरती के दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
- नर्मदा आरती का संयोजन: यहाँ नर्मदा नदी की आरती भी की जाती है, जिससे यह स्थान और अधिक पवित्र हो जाता है।
- मोक्ष प्राप्ति: धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि ओंकारेश्वर में आरती में भाग लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- सकारात्मकता का संचार: आरती के समय मंदिर में बजने वाले भजनों और मंत्रों से भक्तों को अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
ओंकारेश्वर आरती में भाग लेने के नियम
- आरती के समय मंदिर में शांति और अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है।
- मोबाइल फोन का उपयोग आरती के दौरान वर्जित होता है।
- भक्तों को सफेद या पीले वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है।
- मंदिर परिसर में शुद्धता बनाए रखना अति आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरती में भाग लेने के लिए टिकट की आवश्यकता होती है?
नहीं, आम भक्त आरती में निःशुल्क भाग ले सकते हैं, लेकिन विशेष दर्शन के लिए कुछ शुल्क निर्धारित किया गया है।
2. ओंकारेश्वर में आरती के दौरान कौन से भजन गाए जाते हैं?
आरती के दौरान 'ॐ जय शिव ओंकारा' और अन्य शिव भजन गाए जाते हैं।
3. ओंकारेश्वर मंदिर की आरती कितनी देर चलती है?
प्रत्येक आरती लगभग 30-45 मिनट तक चलती है।
4. क्या ओंकारेश्वर में ऑनलाइन आरती दर्शन की सुविधा उपलब्ध है?
हाँ, कुछ धार्मिक प्लेटफार्म और मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर लाइव आरती दर्शन की सुविधा उपलब्ध होती है।
5. ओंकारेश्वर आरती का सबसे शुभ समय कौन सा है?
माना जाता है कि सुबह की मंगला आरती में भाग लेना सबसे अधिक पुण्यदायक होता है।
निष्कर्ष
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरती में भाग लेना हर शिव भक्त के लिए एक दिव्य अनुभव होता है। यहाँ की आरती न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्तों के मन को भी शांति और शक्ति प्रदान करती है। अगर आप ओंकारेश्वर की यात्रा पर जा रहे हैं, तो आरती में अवश्य भाग लें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।