प्रस्तावना: सबसे कठिन तीर्थयात्रा
नर्मदा परिक्रमा को हिंदू धर्म की सबसे कठिन तीर्थयात्राओं में से एक माना जाता है। यह 3,300 किमी लंबी पदयात्रा है जिसमें ओंकारेश्वर एक प्रमुख पड़ाव है।
परिक्रमा का महत्व
- समय अवधि: 3 वर्ष 3 माह 13 दिन
- नियम: नर्मदा का जल हमेशा दाहिनी ओर रखें
- पुण्य: एक परिक्रमा = 7 जन्मों के पापों का नाश
ओंकारेश्वर से शुरुआत क्यों?
- मध्य बिंदु: नर्मदा का सबसे पवित्र स्थान
- आध्यात्मिक ऊर्जा: दो ज्योतिर्लिंगों की उपस्थिति
- सुविधा: यहाँ से परिक्रमा सामग्री उपलब्ध होती है
मुख्य पड़ाव
पड़ाव | दूरी (किमी) | विशेषता |
---|---|---|
ओंकारेश्वर | 0 | शुरुआती बिंदु |
महेश्वर | 60 | शिव मंदिर |
अमरकंटक | 250 | नर्मदा उद्गम |
होशंगाबाद | 400 | पवित्र घाट |
परिक्रमा के नियम
- पैदल चलें: वाहनों का उपयोग वर्जित
- सात्विक भोजन: लहसुन-प्याज न खाएं
- नर्मदा जल: हमेशा साथ रखें
FAQs
Q1. परिक्रमा में कितना खर्च आता है?
A: ₹500-1000 प्रतिमाह (धर्मशालाओं में ठहरने पर)
Q2. क्या अकेले परिक्रमा कर सकते हैं?
A: हाँ, पर समूह में सुरक्षित रहता है
Q3. सबसे कठिन हिस्सा कौनसा?
A: डिंडोरी जिले का जंगली क्षेत्र
निष्कर्ष
नर्मदा परिक्रमा न सिर्फ एक यात्रा बल्कि आत्मसाक्षात्कार का मार्ग है। ओंकारेश्वर से शुरू करने पर आपको दो ज्योतिर्लिंगों का आशीर्वाद मिलता है।
🚩 नर्मदे हर! 🚩